पितृ पक्ष क्यों मनाया जाता है?
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हर वर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। यह 16 दिनों तक चलता है और इसका उद्देश्य पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करना होता है।
ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार, पितृ पक्ष का आयोजन चंद्र कैलेंडर के अनुसार किया जाता है। यह अवधि, जो आमतौर पर सितम्बर या अक्टूबर के महीने में होती है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह समय सूर्य की कन्या राशि में होने और चंद्रमा की वक्षिणी स्थिति के कारण होता है। इस अवधि में पूर्वजों को श्रद्धांजलि देना और अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है।
पितृ पक्ष के महत्व के प्रमुख कारण
- पूर्वजों की आत्मा की शांति: यह समय पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समर्पित है।
- परिवारिक संबंधों को सशक्त बनाना: यह अनुष्ठान परिवारिक संबंधों को मजबूत बनाने और समृद्धि की कामना के लिए भी किया जाता है।
- आध्यात्मिक लाभ: इस समय किए गए अनुष्ठान और पूजा से आध्यात्मिक लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है।
पितृ पक्ष 2024 की तारीखें:
17 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024पितृ पक्ष की विधियों को सही तरीके से करने के लिए एक योग्य पंडित से सलाह लेना और धार्मिक कृत्यों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यह समय न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करने का है, बल्कि हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का भी है।
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