पितृ पक्ष - दूसरा दिन
सारांश
पितृ पक्ष का दूसरा दिन, जिसे 'महालय' के नाम से जाना जाता है, हिन्दू परंपरा में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। माना जाता है कि इस समय मृत आत्माएँ अपने परिवारों के पास आती हैं।
ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिषीय दृष्टि से, यह दिन विशेष नक्षत्रों के प्रभाव में आता है, जो जीवित और मृतकों के बीच आध्यात्मिक संबंध को बढ़ाता है। यह आत्माओं को संतुष्ट करने के लिए रीतियों (श्राद्ध) को करने का एक शुभ समय है, जो परिवार में आशीर्वाद और समृद्धि लाने के लिए माना जाता है।
करने योग्य अनुष्ठान
- पूर्वजों को जल और भोजन अर्पित करें।
- एक पवित्र स्थान पर तर्पण करें।
- पूर्वजों के लिए मंत्रों का जाप करें, जैसे 'गायत्री मंत्र'।
निष्कर्ष
पितृ पक्ष के दूसरे दिन के अनुष्ठानों में भाग लेना केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने और आशीर्वाद मांगने का एक तरीका है जो हमारे पहले आए थे। इस समय को श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाएं।
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